Thursday, December 31, 2009
Love Pakistan? Not yet...
It actually feels odd to see India, Pakistan and Love in the same sentence. And can anyone be blamed for this? It is not just what we have been fed over the past 60 years of ‘hate propaganda’. Any well meaning individual who feels for the common man and specially for the armed forces will have this odd feeling.
Also, when all previous attempts of extending hands has met only cynicism and counterproductive results like terror attacks, it makes common sense to be wary. The sadhu who keeps on tending the scorpion that bites back may not have to stop tending to the scorpion. But he definitely needs to take care of the sting before taking care of the wound of scorpion.
After all these years of gore and attacks in my country having been propagated by Pakistan, I can easily love the common people, cricketers, singers, etc on the other side of the border. But loving Pakistan... boss... I know better than that. I love the likes of Karkare, Saluskar, Kamte, Nachiketa, Unnikrishnan, Suri and common Indians too much to love the hand that killed them all.
Friday, December 11, 2009
कुमार बिस्वास... कशी यात्रा
मगर धरती की बैचेनी..को बस बादल समजता है...
तू मुझसे दूर कैसी है मैं तुजसे दूर कैसा हु,
यह मेरा दिल समजता है न तेरा दिल समजता है...
महोबत एक ऐसे रोग की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है..
यहाँ सब लोग कहते है की मेरे आँखों में आंसू है..
जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है..
बहुत टूटा बहुत बिखरा थपेड़े सह नही पाया..
हवाओं के इशारो पर, मगर मैं बह नही पाया...
अधूरा अनसुना ही रह गया यह प्यार का किस्सा...
कभी तू सुन नही पार्यी कभी मैं कह नही पाया...
भ्रमर कोई कुमदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा...
अभी तक लोग सुनते थे किस्सा महोबत का...
मैं किस्से को हकीकत में बादल बैठा तो हंगामा...
समुन्दर पीर का अन्दर है लेकिन रो नही सकता...
यह आंसू प्यार का मोती, इसे मैं खो नही सकता...
मेरी चाहत को तू दुल्हन बना लेना मगर सुनले..
जो मेरा हो नही पाया वोह तेरा हो नही सकता...
स्वयम से दूर हो तुम भी.... स्वयम से दूर है हम भी...
बड़े मशहूर हो तुम भी...बड़े मशहूर है हम भी..
बड़े मगरूर हो तुम भी... बड़े मगरूर हो तुम भी..
आतः बड़े मजबूर हो तुम भी.. बड़े मजबूर है हम भी...